*** तेरा साथ *** ----------------------------------- Nishi Gandha चलते चलते... मैने एक सपना देखा ये ना सोचा बिछड के तुझसे जिना होगा चाहा था तेरे धडकन मे समाजाऊ... तेरे आगोश मे दुनिया के दर्द भूलजाऊ... तेरे गहरी खामोश आखो मे जिन्दगी की उदासिया डुबाजाऊ.. येना सोचा... जिन्दगी के इस सफर मे एक तेरी याद बहोत है .... पल दो पल का साथ तेरा गम भूलाने को बहोत है... मूमकिन है पाके तुझे खोना होगा येना सोचा बिछड के तुझसे जिना होगा ! - Nishi Gandha 26-05-2014
by Nishi Srinivas
from kavi sangamam*కవి సంగమం*(Poetry ) http://ift.tt/1nnYwvl
Posted by Katta
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