పేజీలు

' నువ్వొక పచ్చని చెట్టయితే పిట్టలు వాటంతట అవే వచ్చి వాలేను'..!.

24, మే 2014, శనివారం

Nishi Srinivas కవిత

*** प्यार का एहसास *** ---------------------------------- Nishigandha अलविदा आपने कहा हम तो विदा हो चले... साथ मे खामोश प्यार का जनता लेचले.... घूट घूट के जी लेगे हम ' आह ' तक न निकालेगे जब याद तुम्हारी आएगी दो आसू बहा देंगे.... कफन तो ओढ दिये जनता उठाकर तेरे खामोश प्यार का एहसास भूले नही भूलता... क्यू याद आते हो बार बार... गमो को दुनिया मे बहाने को न वादा न शिकवा था फिर भी प्यार का एहसास क्यों था ! ( Nishigandha) 24-05-2014

by Nishi Srinivas



from kavi sangamam*కవి సంగమం*(Poetry ) http://ift.tt/1jNGRxc

Posted by Katta

కామెంట్‌లు లేవు:

కామెంట్‌ను పోస్ట్ చేయండి